आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित जिले कोटपूतली-बहरोड | कोटपूतली-बहरोड District के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के नए जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- कोटपूतली-बहरोड जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, ब्यावर जिले का मानचित्र, जिले की सीमा, कोटपूतली-बहरोड jila Map, कोटपूतली-बहरोड District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
District विधान सभा सीटे
कोटपूतली-बहरोड- District विधान सभा कुल 4 सीटे है –
1. बहरोड
2. बानसुर
3. कोटपुतली
4. विराटनगर
जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
- घोषणा: 17 मार्च, 2023
- मंत्रिमण्डल मंजूरी: 04 अगस्त, 2023
- अधिसूचना जारी: 06 अगस्त, 2023
- अधिसूचना लागू: 07 अगस्त, 2023
- स्थापना दिवस: 07 अगस्त, 2023
- उद्घाटनकर्ता: राजेन्द्र सिंह यादव (उच्च शिक्षा राज्य मंत्री)
- किस जिले को तोड़कर बनाया: जयपुर एवं अलवर
- प्रथम कलेक्टर: शुभम चौधरी
- प्रथम पुलिस अधीक्षक: रंजीता शर्मा
- संभाग: जयपुर संभाग के अन्तर्गत
- सीमा: 04 जिले (नीम का थाना, जयपुर ग्रामीण, अलवर एवं खैरथल-तिजारा)
प्रमुख पहाड़ियाँ:
- बैराठ की पहाड़ियाँ (उत्तरी अरावली की चोटी)
- ऊँचाई: 704 मीटर
- बीजक की पहाड़ियाँ
- भीम डूंगरी
- गणेश डूंगरी
- महादेव डूंगरी
प्रमुख नदियाँ:
- बाणगंगा नदी / ताला नदी / अर्जुन की गंगा / रूण्डित नदी
- साबी नदी (साहिबी नदी)
- कुल लम्बाई: 222 किमी
- उद्गम: सेवर की पहाड़ियाँ (जयपुर ग्रामीण)
- संगम: पटोदी ग्राम (हरियाणा) के पास नजफगढ़ झील में।
- विभाजन: कोटपुतली-बहरोड़ जिले को यह नदी दो भागों में विभाजित करती है।
- प्रवाह क्षेत्र: तीन जिलों में बहती है: जयपुर ग्रामीण, कोटपुतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा
- महत्व: साबी नदी पर कोटपुतली तहसील में जोधपुरा सभ्यता स्थित है, जो ताम्रकाल (गणेश्वर के समकालीन) से लोह युग के प्रारंभ (1000 ईस्वी) तक का सभ्यता स्थल माना जाता है। यहाँ हाथी दांत के अवशेष भी मिले हैं।
- साबी नदी को कोटपुतली-बहरोड़ का शोक भी कहा जाता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जानकारी:
- कोटपुतली-बहरोड़ जिले का सबसे बड़ा दुग्ध पैकिंग स्टेशन यहाँ स्थित है।
- भारत माला परियोजना: केन्द्र सरकार की परियोजना में कोटपुतली-बहरोड़ बाईपास शामिल है।
- सौर ऊर्जा: जिले में कुसुम (KUSUM) योजना के तहत किसानों को बंजर भूमि पर सोलर पम्प सेट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना में सरकार 60% सब्सिडी देती है। राजस्थान इस योजना में पहले स्थान पर है।
- इतिहास: 1857 की क्रांति के समय जयपुर महाराजा रामसिंह-II ने अंग्रेजी सरकार का सहयोग किया था, जिसके कारण उन्हें कोटपुतली का परगना प्रदान किया गया। यह वर्तमान में कोटपुतली-बहरोड़ जिले में है।
- बुचारा राजकीय तेंदुआ अभयारण्य
- पावटा (कोटपुतली-बहरोड़)
- राजस्थान बजट 2023 में इन वनों को तेंदुआ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट कोटपुतली
- उत्पादन क्षमता 13 लाख टन
- एशिया की सबसे बड़ी सीमेंट कम्पन
प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र:
- भैसलाना काला मार्बल – इस क्षेत्र में काले रंग का प्रसिद्ध मार्बल पाया जाता है।
- नीमराना जापानी पार्क और दक्षिण कोरियाई पार्क
- जापानी पार्क को जापान की जेट्रो कम्पनी द्वारा विकसित किया गया है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्क – नीमराना
- बायो गैस प्लांट (कोटपुतली) – यह प्लांट सरसों की तुड़ी से बायो गैस उत्पन्न करता है।
- निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क (EPIZ)
- राज्य का तीसरा EPIZ नीमराना (कोटपुतली-बहरोड़) में स्थित है।
- राज्य का पहला EPIZ सीतापुरा (जयपुर) में है, और दूसरा बोरानाडा (जोधपुर) में।
- औद्योगिक निवेश क्षेत्र – कोटपुतली-बहरोड़ जिले में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (DMIC) के तहत औद्योगिक निवेश क्षेत्र स्थापित हुआ है।
- औद्योगिक इकाइयाँ – इस क्षेत्र में पारलेजी, हेवेल्स इलेक्ट्रॉनिक, और हीरो मोटर्स के पार्ट्स बनते हैं।
- मats्य उद्योग – बहरोड़ और नीमराना में प्रमुख मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र स्थित हैं।
क्षेत्रीय विकास:
- कोटपुतली-बहरोड़ अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल हो गया है। सितम्बर 2004 में अलवर जिले को NCR में जोड़ा गया, और अब कोटपुतली-बहरोड़ भी NCR में आता है।
- दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर यहाँ से गुजरता है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
पशु मेला और कृषि:
- बहरोड़ पशु मेला – यह मेला मुर्रा नस्ल की भैंसों के लिए प्रसिद्ध है।
- जखराना बकरी की नस्ल – यह नस्ल दूध और मांस के लिए प्रसिद्ध है, और इसका मूल उत्पत्ति स्थान बहरोड़ है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर:
विराट नगर (कोटपुतली-बहरोड़ जिले का सबसे प्राचीन स्थल)
- प्राचीन नाम बैराठ था, यह मत्स्य जनपद की राजधानी और बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था।
- विराट नगर की स्थापना राजा विराट ने की थी, जो महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।
- यहाँ मौर्यकाल के अवशेष मिले हैं, और सम्राट अशोक के दो लघु शिलालेख भी यहाँ पाए गए हैं:
- भानु अभिलेख – बीजक पहाड़ी से प्राप्त
- बैराठ अभिलेख – यह 1837 ई. में बर्ट नामक विद्वान द्वारा खोजा गया था।
विनय विलास महल
- निर्माण: महाराजा बख्तावर सिंह द्वारा 1793 में।
- यह महल भारत-इस्लामी (इंडो-इस्लामिक) वास्तुकला का एक आदर्श उदाहरण है।
जिलाणी माता मंदिर (बहरोड़)
- मंदिर के समीप प्रसिद्ध बावड़ी स्थित है, जहाँ वर्ष में दो बार मेला आयोजित होता है।
ऐतिहासिक क्षेत्र और नाम:
- कोटपुतली का प्राचीन नाम कोटकासिम था।
- नीम का थाना और कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र तंवर राजपूतों द्वारा शासित था, जिसे तोरावटी और राठ के नाम से भी जाना जाता है।
..... Jila Darshn 2024 के Pdf Download
..... Jila Darshn 2024 के District FAQ
आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित जिले शाहपुरा के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के शाहपुरा जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, शाहपुरा जिले का मानचित्र, जिले की सीमा,….. District Map ,… District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
District विधान सभा सीटे
जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024
जिला के प्रमुख धरोहर और स्मारक
जिला के प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थल
जिला के संस्कृति और लोक कला
जिला के आध्यात्मिक स्थल और धार्मिक यात्रा
जिला के इतिहास और विरासत
जिला के शिक्षा और ज्ञान का केंद्र
जिला के कृषि और व्यापार
जिला के के प्राचीन किले और महल: इतिहास
जिला के भौगोलिक महत्व: पर्वत, नदियाँ और जलाशयस