Bharatpur District History Culture & Geography || Bharatpur Jila

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के भरतपुर जिले  के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के भरतपुर से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-  जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र,  जिले का मानचित्र,  जिले की सीमा,  Bharatpur Map,  Bharatpur History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

भरतपुर नाम से यह एक स्वतंत्र राज्य भी था जिसकी नींव महाराजा सूरजमल ने डाली।। महाराजा सूरजमल के समय भरतपुर राज्य की सीमा आगरा,अलवर,धौलपुर, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, इटावा, मेरठ, रोहतक, फर्रुखनगर, मेवात, रेवाड़ी,पलवल, गुरुग्राम (गुड़गाँव),भिवानी,चरखी दादरी तथा मथुरा तक के विस्तृत भू-भाग पर फैली हुई थीपर्यटकों के लिए भरतपुर मूलतः पक्षी विहार है। भरतपुर का नाम भगवान श्रीरामचन्द्र जी के भ्राता ‘भरत’ के नाम पर रखा गया। दूसरे भाई लक्ष्मण, भरतपुर के राज परिवार के कुलदेवता के रूप में प्रतिष्ठित है तथा इनके नाम की राज मुहरें और राज चिन्ह यहाँ देखने को मिलते हैं

District विधान सभा सीटे

1.भरतपुर 

2.बयाना 

3.वैर 

4.नदबई 

District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024

केवलादेव रास्ट्रीय उद्यान

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भारत के राजस्थान में स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था |

रास्ट्रीय उद्यान – 1981

आर्द भूमि में शामिल – 1981 में 

यूनिस्को द्वारा विश्व धरोहर सूचि में शामिल – 1985 

भरतपुर 

  • लोहागढ़ दुर्ग 
  • लक्ष्मण मंदिर 
  • भरतपुर राजवंश के कुलदेवता लक्ष्मण जी 
  • सरसों उत्पादन में अग्रणी जिला 
  • बर्ज महोत्सव 

बयाना

  • प्राचीन नाम – श्रीप्रस्थ , शोणितपुर 
  • बयाना दुर्ग – खानवा युद्ध के बाबर यहाँ आये थे |
  • उषा मंदिर 
  • लोदी मीनार आदि |

लोहागढ़ दुर्ग

  • इसका निर्माण 1733 ई. में महाराजा सूरजमल द्वारा करवाया गया।
  • महाराजा सूरजमल ने खेमा जाट को पराजित करके उसकी कच्ची गढ़ी पर निर्माण करवाया।
  • यह दुर्ग दोहरी प्राचीर से घिरा हुआ है।
  • इस दुर्ग में जवाहर बुर्ज, फतेह बुर्ज, सिनसिनीबुर्ज, नवल बुर्ज आदि हैं।
  • महाराजा जवाहरसिंह 1765 ई. में दिल्ली के लाल किले से अष्टधातु का दरवाजा उतारकर इस किले के प्रवेश द्वार पर स्थापित करवाया।
  • जवाहर बुर्ज में भरतपुर के जाट शासकों का राजतिलक हुआ करता था।
  • इस दुर्ग को अंग्रेज अधिकारी लेक ने बारूद भरकर उड़ाने का असफल प्रयास किया था तो कहावत प्रसिद्ध हुई- Bean)
  • “हट जा रहे गोरा, राज भरतपुर को। आठ फिरंगी नौ गोरा, लड़े जाट का दो छोरा”

इस दुर्ग के बारे में कवि ने लिखा है-

“दुर्ग भरतपुर अडिग जिमि, हिमगिरी की चट्टान। सूरजमल के तेज को, अब लौ करत बखान।।”

बयाना का किला

  • इसका निर्माण 1040 ई. में विजयपाल द्वारा करवाया गया था।
  • बयाना दुर्ग को शोणितपुर का किला एवं बादशाह का किला भी कहते हैं।
  • बयाना दुर्ग में समुन्द्रगुप्त के गवर्नर विष्णुवर्द्धन द्वारा भीमलाट का निर्माण किया गया, जिसे राजस्थान का प्रथम विजय स्तम्भ माना जाता है।
  • बयाना से गुप्तकालीन सिक्के प्राप्त हुए हैं।
  • बयाना प्राचीन काल में नील उत्पादन के लिए – प्रसिद्ध था।
  • हिन्दुस्तान का प्रथम बादशाह बाबर बयाना दुर्ग में • ठहरा था।

बैर का किला

  • इसका निर्माण महाराजा बदनसिंह ने करवाया था। 

गंगा मंदिर –

  • स्थापना 1846 ई. में इसका निर्माण महाराजा बलवंत सिंह ने करवाया।
  • यह मंदिर 2 मंजिला तथा 84 खंभों पर निर्मित है।
  • महाराजा बृजेन्द्रसिंह ने इसमें गंगा मूर्ति स्थापित करवाई।
  • इस मंदिर का आगे का भाग मुगल शैली एवं पीछे का भाग बौद्ध शैली में बनाया गया है।

लक्ष्मण मंदिर –

  • इसका निर्माण महाराजा बलदेव सिंह ने प्रारंभ करवाया तथा महाराजा बलवंत सिंह ने पूर्ण किया।

राजेश्वरी माता –

  • भरतपुर जाट वंश की कुलदेवी।
  • जसवन्त पशु मेला – उच्चैन (भरतपुर)
  •  ब्रज महोत्सव – भरतपुर
  •  जवाहर प्रदर्शनी मेला – भरतपुर

बम नृत्य –

  • भरतपुर जिले का प्रसिद्ध नृत्य है।
  • फाल्गुन माह में बम रसिया गानों के साथ किया जाने वाला नृत्य बम नृत्य कहलाता है।
  • बम राजस्थान का सबसे बड़ा वाद्ययंत्र है।

भौगोलिक परिदृश्य

  • भरतपुर का शुभंकर – सारस
  • यह उत्तर प्रदेश से सीमावर्ती जिला है।
  • केवलादेव घना पक्षी अभयारण्य
  • इसे घना पक्षी विहार व पक्षियों की शरणस्थली कहा जाता है।
  • राजस्थान सरकार द्वारा इसे 1955 ई. में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान गम्भीरी व बाणगंगा के नदियों के संगम पर स्थित है।
  • भारत सरकार द्वारा 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
  • 1985 ई. में यूनेस्को कि विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गया।
  • इस उद्यान को पक्षियों का स्वर्ग कहते हैं।
  • इस उद्यान में शीत ऋतु में साईबेरियन सारस प्रजनन हेतु आते हैं।
  • सलीम अली ने यहाँ पक्षियों की प्रजाति पर अपनी पुस्तक लिखी थी।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में फरवरी 2006 में सफेद सारसोंको बचाने के लिए ऑपरेशन राजहंस चलाया गया। 

बंध बारेठा पक्षी अभयारण्य-भरतपुर

  • यह अभयारण्य बंध बारेठा (भरतपुर) में स्थित है।
  • यह अभयारण्य पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है।

बन्ध बारेठा बांध

  • यह कुकुन्द नदी पर है।
  • इस बाँध की बनावट जहाज जैसी है।
  • भरतपुर की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।

मोती झील

  • इस झील को भरतपुर की जीवन रेखा कहते हैं।
  • यह भरतपुर की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है।
  • इस झील का निर्माण रूपारेल नदी का जल रोककर करवाया गया।
  • इस झील में गम्भीर तथा बाणगंगा नदियों का पानी आता है।

भरतपुर नहर – राजस्थान व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।

वैर

  • भरतपुर में स्थित है जो बाग-बगीचों हेतु प्रसिद्ध है।
  • भारत सरकार ने भरतपुर जिले को 2015 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल कर दिया।
  • खस सुगन्धित घास भरतपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर में।

अजान बाँध

  • यह गम्भीर नदी पर बना हुआ है।
  • इसका निर्माण सूरजमल ने भरतपुर की स्थापना के समय करवाया था।
  • केवलादेव पक्षी अभयारण्य को पानी की आपूर्ति इसी बाँध से की जाती है।

 

इतिहास 

  • राजा भरत के नाम पर भरतपुर जिले का नामकरण हुआ।
  • भरत के भाई लक्ष्मण को भरतपुर रियासत का कुल देवता माना जाता है।
  • भरतपुर के जाट सिनसिनीवाल गौत्र के थे।

गोकुला

  • भरतपुर जाट राजवंश के आदि पुरुष।
  • गोकुला ने सर्वप्रथम मथुरा के आस-पास जार शाक्ति को संगठित करने का प्रयास किया।
  • आगरा में इनकी हत्या दिल्ली सल्तनत द्वारा को गई।
  • तिलपत का युद्ध – 1669 यह तिलपत के जमीदार थे।

भज्जा

  • गोकुला के बाद जाट शक्ति को भज्जा ने संगठित करने का प्रयास किया।
  • राजाराम, चूडामन एवं भावसिंह जो भज्जा के पुर थे।

राजाराम (1685-88 ई.)

  • राजाराम ने 1688 ई. को सिकन्दरा (आगरा) में अकबर की कब्र को लुटा एवं हड्डियों को जला दिया।
  • औरंगजेब ने जयपुर के राजा बिशनसिंह की सहायता से राजाराम की हत्या करवा दी।

चूड़ामन (1688-1722 ई.)

  • भरतपुर जाट राजवंश के संस्थापक माने जाते हैं। बिना ताज का जाट राजा कहा जाता है।
  • सर्वप्रथम सैनिक दृष्टि से संगठित किया।
  • दिल्ली के बादशाह फर्रुखशियर ने चूड़ामन को राव बहादुर का खिताब दिया।
  • चूड़ामन के पुत्रों (मौखमसिंह व जुलकरण) के मध्य जमीन विवाद से हो रही गृह कलह से चूड़ामन ने आत्महत्या कर ली।

मोहकम सिंह (1722-55 ई.)

  • इसके काल में जयपुर के सवाई जयसिंह ने आक्रमण कर मोहकम सिंह को गद्दी से हटा दिया। • मोहकम सिंह भागकर जोधपुर के महाराजा कि शरण में चले गये।

बदनसिंह (1725-56 ई.)

  • जाट राजवंश के वास्तविक संस्थापक ।
  • जयपुर के राजा सवाई जयसिंह ने बदनसिंह को ‘ब्रजराज’ की उपाधि दी।
  • बदनसिंह ने 1730 ई. में भरतपुर रियासत का गठन किया।
  • 1730 में अपने पुत्र सूरजमल को उत्तराधिकारी घोषित किया।

महाराजा सूरजमल (1756-63 ई.)

  • जन्म – 1707 ई. बसन्त पंचमी के दिन हुआ। पिता रूपसिंह एवं माता देवकी के पुत्र थे।
  • सूरजमल एकमात्र ऐसे राजा थे, जो दोनों हाथों से तलवार एवं तीर चलाना जानते थे।
  • इन्हें जाटों का प्लेटो तथा अफलातून कहा जाता है।
  • 1733 में इन्होंने भरतपुर दुर्ग का निर्माण करवाया।
  • अफगान सैनिक ‘सैय्यद मुहम्मद खान बलूच’ ने गाजियाबाद के आस-पास राजा सूरजमल की हत्या कर दी।

महाराजा जवाहरसिंह

  • सूरजमल के पुत्र थे।
  • माता किशोरी देवी ने संरक्षिका के रूप में कार्य किया।
  • 1765 में दिल्ली विजय के उपलक्ष्य में लोहागढ़ दुर्ग में जवाहर बुर्ज का निर्माण करवाया।

महाराजा रणजीत सिंह

  • इन्होंने मराठा सरदार ‘यशवन्त राव होल्कर’ को शरण प्रदान की। 29 सितम्बर 1803 ई. में अंग्रेजों व रणजीत सिंह के बीच सहायक संधि हो गई।

महाराजा जसवन्त सिंह

  • 1857 की क्रांति के समय भरतपुर महाराजा ने अंग्रेजों का साथ दिया।
  • भरतपुर के शासक जसवन्त सिंह के काल में प्रिन्स अल्बर्ट भरतपुर आये ।

महाराजा बृजेन्द्रसिंह-राजस्थान के एकीकरण के समय भरतपुर के महाराजा थे।

हिन्दी साहित्य समिति – 1912 ई. में स्थापना हुई।

  • इसके संस्थापक जगन्नाथ अधिकारी थे।

भरतपुर प्रजामण्डल

  •  1938 ई. में स्थापना हुई।
  • संस्थापक गोपीलाल यादव
  • अध्यक्ष – किशनलाल जोशी

जगन्नाथ पहाड़िया

  • यह भरतपुर जिले के निवासी थे।
  • राजस्थान के प्रथम अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री बने।

शुद्धि आंदोलन

  • भरतपुर महाराजा कृष्णसिंह द्वारा चलाया गया।
  • कृष्णसिंह को जन-जागृति का जनक कहते हैं।

गोकुल वर्मा

  • शेर-ए-भरतपुर कहा जाता है।

बयाना

  • भारतीय इतिहास में गुप्तकालीन सिक्कों का सबसे बड़ा भण्डार यहाँ पर मिला।
  • बयाना मुस्लिम सैनिकों की कब्रगाहों हेतु प्रसिद्ध है।

रमेश स्वामी

  • यह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें अंग्रेजों ने बस के नीचे कुचलकर मार डाला।

बयाना का युद्ध

  • 16 फरवरी 1527 ई. को राणा सांगा व बाबर के मध्य हुआ जिसमें राणा सांगा विजयी हुए।
  • बाबर की सेना का नेतृत्व मेंहदी ख्वाजा ने किया।

खानवा का युद्ध

  • 17 मार्च 1527 (रूपवास, भरतपुर) को राणा सांगा व बाबर के मध्य हुआ।
  • इस युद्ध में बाबर विजयी रहा।
  • राजस्थान का निर्णायक युद्ध माना जाता है।

अशोक परमार

  • बिजौलिया ठिकाने के संस्थापक थे।
  • मूल रूप से भरतपुर के निवासी थे।

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