Bhilwara District History Culture & Geography || Bhilwara Jila Darshn

नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से भीलवाडा जिले के दर्शनीय स्थल व उसकी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, भीलवाडा जिले का मानचित्र, भीलवाडा जिले जिले की सीमा, District Map ,  District History Culture & भीलवाडा जिले के बारे में इसका इतिहास व् जिला दर्शन  Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

 

भीलवाड़ा, राजस्थान के उदयपुर संभाग में स्थित एक प्रमुख शहर है, जिसे “राजस्थान का मैनचेस्टर” भी कहा जाता है। यह कपड़ा उद्योग का केंद्र है और वस्त्र निर्यातक नगर के रूप में प्रसिद्ध है। 1938 में मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स की स्थापना के साथ यहां के उद्योगों की शुरुआत हुई। भीलवाड़ा में कई खनिज जैसे तांबा, लौह अयस्क, और सीसा-जस्ता पाए जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, माण्डलगढ़ किला और बाईसा रानी का मंदिर महत्वपूर्ण स्थल हैं। मेनाल जलप्रपात और त्रिवेणी संगम के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य भी आकर्षण का केंद्र है

District विधान सभा सीटे

विधानसभा क्षेत्र

1. भीलवाड़ा,

2. माण्डल,

3. माण्डलगढ़,

4. आसींद,

5. सहाड़ा

जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय

1. उपनाम

राजस्थान का मैनचेस्टर

राजस्थान की टेक्सटाइल सिटी

2. औड़ियाना

औड़ियाना सभ्यता स्थल

3. रामपुरा आगूचा

सीसा और जस्ता के लिए प्रसिद्ध

4. माण्डलगढ़

महाराणा सांगा की छतरी

तिलस्वां महादेव मंदिर

माण्डलगढ़ दुर्ग – कटकूम नुमा आकृति

मेजा बांध – कोठारी नदी

हल्दीघाटी युद्ध के समय अकबर का युद्ध पड़ाव स्थल

5. आसिंद

सवाई भोज मंदिर स्थित है

देवनारायण जी का मंदिर

6. माण्डल

जगन्नाथ कच्छवाहा की 32 खंबों की छतरी

नाहर स्वामी के लिए प्रसिद्ध

7. गंगापुर

वाईस महारानी का मंदिर

गंगाबाई की प्रसिद्ध छतरी

छत्रियों निर्माण महाराणा सांगा ने करवाया था

8. बागौर

भारत का एक प्रमुख मध्यपाषाणकालीन स्थल

बागौर – कोठारी नदी के किनारे स्थित है

9. भीलवाड़ा

अभ्रक का सर्वाधिक उत्पादन

स्वदेशी सूती वस्त्र मिलें स्थापित

भीलवाड़ा कस्मा-मोढ़ाश्रिया (सिंदूर के रंग हेतु प्रसिद्ध)

जानकी लाल भांड – राजस्थान के मक्खन मेन

10. बिजौलिया

प्राचीन नाम – विज्यावली

किसान आंदोलन – राज्य का सबसे लंबी अवधि तक चलने वाला आंदोलन

बिजौलिया शिलालेख – चौहान राजाओं के काल का

प्राचीन शिव मंदिर – 23वीं शताब्दी में निर्मित

12वीं सदी का मुनि सुदर्शन शिलालेख

District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024

कला और संस्कृति

बागोर सभ्यता

  • 1967 में वी.एन. मिश्र द्वारा कोठारी नदी के समीप महासतियों के टीले पर उत्खनन।
  • यह मध्य पाषाण कालीन स्थल है।
  • कृषि और पशुपालन के साक्ष्य मिले हैं।
  • इसे “आदिम संस्कृति का संग्रहालय” कहा जाता है।

बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.)

  • इसे श्रावक लोलाक ने पार्श्वनाथ जैन मंदिर में उत्कीर्ण करवाया।
  • रचयिता: गुणभद्र
  • इसमें चौहानों को वत्सगोत्रीय ब्राह्मण बताया गया।
  • वासुदेव चौहान ने सांभर झील का निर्माण करवाया।
  • इसमें प्राचीन शहरों के नाम:
    1. नागौर: अहिच्छत्रपुर
    2. भीनमाल: श्रीमाल
    3. बिजौलिया: विजयावल्ली

बिजौलिया: प्रमुख स्थल और आंदोलन

प्रमुख स्थल

  1. दिगंबर जैन पार्श्वनाथ तीर्थ क्षेत्र
  2. बिजौलिया किला
  3. मंदाकिनी मंदिर
  4. हजारेश्वर महादेव मंदिर (किले में स्थित शिव मंदिर)

बिजौलिया किसान आंदोलन (1897-1941)

  • अवधि: 44 वर्ष
  • शुरुआती नेतृत्वकर्ता: साधु सीताराम दास
  • प्रमुख घटनाएँ:
    • 1903 ई.: ठाकुर कृष्णसिंह ने चंवरी कर लगाया।
    • 1906 ई.: ठाकुर पृथ्वीसिंह ने तलवार बंधाई कर लगाया।
  • नेतृत्व:
    • विजयसिंह पथिक (जन्म: गुठावली, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश) ने 1916 में आंदोलन संभाला।
    • 1917 में ऊपरमाल पंचबोर्ड का गठन किया।
  • जाँच आयोग:
    • अप्रैल 1919 में बिंदुलाल भट्टाचार्य आयोग
  • मीडिया कवरेज:
    • गणेश शंकर विद्यार्थी ने कानपुर से “प्रताप” नामक पत्र में आंदोलन प्रकाशित किया।

देवनारायण मंदिर (भीलवाड़ा)

  • स्थान: बनास नदी के किनारे, आसींद (भीलवाड़ा)।

  • मेला: भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को आयोजित।

  • देवनारायण जी:

    • बचपन का नाम उदयसिंह
    • इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
    • मंदिर में ईंटों की पूजा की जाती है और नीम के पत्तों का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
    • भोग: छाछ और राबड़ी का।
    • घोड़े का नाम: लीलागर।
  • फड़:

    • देवनारायण जी की फड़ सर्वाधिक प्राचीन मानी जाती है।
    • फड़ वाचन में जंतर वाद्ययंत्र का उपयोग किया जाता है।
    • भारत सरकार ने 2 सितंबर 1992 को इस फड़ पर डाक टिकट जारी किया।

प्रमुख ऐतिहासिक हस्तियाँ

साधु सीताराम दास

  • जन्म: बिजौलिया (भीलवाड़ा)।
  • 1916 में किसान पंचबोर्ड का गठन किया।
  • बिजौलिया किसान आंदोलन में प्रमुख भूमिका।

माणिक्यलाल वर्मा

  • जन्म: बिजौलिया।
  • मेवाड़ प्रजामंडल के संस्थापक।
  • 18 अप्रैल 1948 को संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री बने।
  • इन्हें “मेवाड़ का गांधी” कहा जाता है।
  • प्रसिद्ध गीत: पंछीड़ा
  • पुस्तक: “मेवाड़ का वर्तमान शासन”

भीलवाड़ा में अन्य स्थल

  1. गुदड़ संप्रदाय की प्रधान पीठ
  2. लव गार्डन
  3. हरणी महादेव मंदिर
  4. बारह शिवालय

भौगोलिक परिदृश्य

  • स्थान: भीलवाड़ा राजस्थान के उदयपुर संभाग के अंतर्गत आता है।
  • ऊपरमाल का पठार:
    • यह पठार बिजौलिया (भीलवाड़ा) से भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) के मध्य फैला हुआ है।
  • वनस्पति:
    • क्षेत्र में पतझड़ वनस्पति पाई जाती है।
  • उड़द उत्पादन:
    • राजस्थान में उड़द का सर्वाधिक उत्पादन भीलवाड़ा में होता है।

प्रमुख औद्योगिक और जल परियोजनाएँ

  • अभ्रक ईंट निर्माण:
    • भीलवाड़ा में अभ्रक ईंट बनाने के कारखाने स्थित हैं।
  • कताई मिल:
    • राजस्थान की प्रथम सहकारी कताई मिल गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) में है।
  • मेजा बाँध:
    • यह बाँध कोठारी नदी पर स्थित है

खनिज संसाधन

  1. तांबा:

    • प्रमुख क्षेत्र: पुर-दरीबा
  2. लौह अयस्क:

    • प्रमुख क्षेत्र: हमीरगढ़ और तिरंगा पहाड़ी
  3. टंगस्टन:

    • महत्वपूर्ण खनिज संसाधन।
  4. सीसा और जस्ता:

    • प्रमुख क्षेत्र: रामपुरा-आगुचा
    • रामपुरा-आगुचा क्षेत्र को एशिया का सबसे बड़ा सीसा-जस्ता उत्पादन केंद्र माना जाता है।
  5. अन्य खनिज:

    • ग्रेनाइट, लाइम स्टोन, और एस्बेस्टॉस भी यहाँ प्रमुखता से पाए जाते हैं

उद्योग

  1. मेवाड़ टेक्सटाइल मिल्स:

    • स्थापना: 1938।
    • यह भीलवाड़ा को कपड़ा उद्योग में पहचान देने वाली प्रारंभिक इकाई है।
  2. राजस्थान को-ऑपरेटिव मिल्स:

    • स्थापना: 1965 में, गुलाबपुरा (भीलवाड़ा)।
  3. वस्त्र निर्यातक नगर का दर्जा:

    • वर्ष 2009 में भीलवाड़ा को यह उपाधि दी गई।
  4. कम्प्यूटर एडेड डिजाइन सेंटर:

    • यह केंद्र भीलवाड़ा में खोला गया, जिससे वस्त्र उद्योग में तकनीकी सहायता मिली।
  5. मॉडल छपाई:

    • भीलवाड़ा मॉडल छपाई के लिए प्रसिद्ध है।

भौगोलिक स्थल

  • मेनाल जल प्रपात:
    • स्थान: मेनाल, भीलवाड़ा।
    • त्रिवेणी संगम: बनास, बेड़च, और मेनाल नदियों के संगम पर स्थित।

इतिहास

माण्डलगढ़

  1. गुहिल राजवंश का ठिकाना
  2. जगन्नाथ कच्छवाहा:
    • यहाँ उनकी 32 खंभों की छतरी स्थित है।
  3. माण्डलगढ़ दुर्ग:
    • निर्माण: चानणा गुर्जर द्वारा मोडिया भील के नाम पर।
    • विशेषता: यह कटोरेनुमा आकृति में बना हुआ है।
  4. बाईसा राणी (गंगाबाई) का मंदिर:
    • माण्डलगढ़ में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल।

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