नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से धौलपुर जिले के दर्शनीय स्थल व उसकी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, धौलपुर जिले का मानचित्र, धौलपुर जिले जिले की सीमा, District Map , District History Culture & धौलपुर जिले के बारे में इसका इतिहास व् जिला दर्शन Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
District विधान सभा सीटे
बाड़ी
बसेंड़ी
धौलपुर
राजाखेड़ा
जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
उपनाम
- लाल पत्थर की भूमि – धौलपुर लाल पत्थर के लिए प्रसिद्ध है, जो निर्माण सामग्री के रूप में उपयोग होता है।
- राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार – यह राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है और राजस्थान के अन्य हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
- सूर्योदय की नगरी – यह नाम सूर्योदय के समय के दृश्य की खूबसूरती को दर्शाता है।
- रेड डायमंड सिटी – धौलपुर में लाल पत्थर का खनन होता है, जिससे यह उपनाम मिला है।
प्राचीन नाम
- कोटी, धौलपुरी, धवलपुरी – ये नाम धौलपुर के पुराने नाम हैं, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।
- बाड़ी – बसेंड़ी – यह नाम धौलपुर के बाड़ी क्षेत्र से जुड़ा है।
ऐतिहासिक घटनाएं
- बाड़ी का युद्ध (1518) – यह युद्ध राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था।
- राणा सांगा एवं इब्राहिम लोदी – इन दो ऐतिहासिक शख्सियतों का नाम बाड़ी के युद्ध से जुड़ा हुआ है।
- रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत – धौलपुर ने भारतीय संघ में विलय के लिए सबसे आखिरी हस्ताक्षर किए थे।
महत्वपूर्ण स्थल
- बाबू महाराज का मेला – धौलपुर में हर साल आयोजित होने वाला एक प्रमुख मेला।
- तालाब-ए-शाही झील – धौलपुर की प्रसिद्ध झील जो ऐतिहासिक महत्व रखती है।
- जहांगीर महल – एक ऐतिहासिक महल जो जहांगीर के समय से जुड़ा है।
- निहाल टावर – चम्पसर – धौलपुर का प्रसिद्ध स्थल, जो ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- हुडहूड़ तोप – कीरतसिंह द्वारा स्थापित एक प्रमुख तोप।
- शेरगढ़ का दुर्ग – धौलपुर का एक ऐतिहासिक किला।
- बाबरनामा – बाबर ने अपने किताब ‘बाबरनामा’ में धौलपुर का उल्लेख किया है।
पर्यावरणीय स्थल
- वन विहार अभयारण्य – यह एक प्रमुख अभयारण्य है, जो यहां की वन्यजीवों की विविधता को दर्शाता है।
- रामसागर – यह एक और महत्वपूर्ण स्थान है जो धौलपुर के वन विहार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है
District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024
प्रमुख तीर्थ स्थल और किलें
प्रचकुण्ड तीर्थ स्थल – यह स्थल सूर्यवंशी राजवंश के 24वें राजा मुच्छुकंद के नाम पर रखा गया है। इसे “तीर्थों का भांजा” कहा जाता है।
शेरगढ़ का किला – 1540 में मालदेव द्वारा निर्मित, इसे बाद में शेरशाह सूरी ने पुनर्निर्मित किया। इस किले में हुन्हुकार तोप भी स्थित है। इसे दक्खिन का द्वारगढ़ और धौला दोहरागढ़ भी कहा जाता है। यह किला राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एकमात्र किला है।
बाड़ी का किला – यह किला भी धौलपुर जिले में स्थित है और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
राजा खेड़ा का किला – यह किला महाराजा सूरजमल द्वारा मिट्टी से निर्मित करवाया गया था।
बीबी जरीना का मकबरा – यह मकबरा भी धौलपुर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में है।
अन्य प्रमुख स्थल
- बाबू महाराज का मेला – यह मेला धौलपुर का प्रसिद्ध मेला है।
- सैपऊ महादेव का मंदिर – एक प्रमुख धार्मिक स्थल।
- 12 भाईयों का मेला – एक और धार्मिक मेला जो धौलपुर में आयोजित होता है।
- निहाल टॉवर – 1880 में निहालचन्द द्वारा निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1910 में राजा रामसिंह ने इसे पूर्ण किया। इसे धौलपुर का घंटाघर भी कहा जाता है। इसमें इंग्लैंड की मैसर्स जिलेट जॉन्सन क्रोपड्रॉन कंपनी द्वारा घड़ी का निर्माण किया गया था।
- सिद्ध मौनी बाबा की मजार – यह धौलपुर में स्थित एक महत्वपूर्ण मजार है।
ऐतिहासिक घटनाएँ
तसीमो हत्याकाण्ड (11 अप्रैल 1947) – इसमें ठाकुर छत्तरसिंह और पंचमसिंह शहीद हुए थे।
बाड़ी का युद्ध (1518) – यह युद्ध महाराणा सांगा और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ, जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
सामूगढ़ का युद्ध (1658 ई.) – यह युद्ध औरंगजेब और दारा शिकोह के बीच हुआ, जिसमें औरंगजेब की विजय हुई।
भौगोलिक परिदृश्य
- मिट्टी – धौलपुर की प्रमुख मिट्टी कछारी मिट्टी और जलोढ़ मृदा है।
- नदियां – प्रमुख नदियां पार्वती, गम्भीरी, और चम्बल हैं।
- जलवायु – धौलपुर की जलवायु आर्द्र जलवायु है।
- बांध – प्रमुख बांध पार्वती बांध और उर्मिला सागर बांध हैं।
- झीलें – तालाब शाही (1622 ई. में जहाँगीर द्वारा बनवाया गया) प्रमुख झील है।
अभयारण्य
- वनविहार अभयारण्य – धौलपुर में स्थित यह अभयारण्य एक महत्वपूर्ण वन्यजीव स्थल है।
- रामसागर अभयारण्य – यह भी एक प्रमुख अभयारण्य है।
- केसरबाग अभयारण्य – धौलपुर का एक और प्रमुख अभयारण्य है।
- चम्बल राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य – यह अभयारण्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश तीन राज्यों की सीमाओं में स्थित है और संयुक्त रूप से संचालित है।
वन्यजीव
- नीलगाय, बारहसिंगा, हिरन, रीछ, भेड़िया, और जरख जैसे वन्यजीव धौलपुर के जंगलों में पाए जाते हैं।