राजस्थान में पहले 33 जिले हुआ करते थे। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 जिलों का गठन कर दिया है। राजस्थान में वर्तमान में कुल 50 जिले हो गए हैं। राजस्थान के नए जिलों डीडवाना-कुचामन जिले का सम्पूर्ण भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय इस पोस्ट में जाने | नागौर जिले से अलग कर बनाए गए नए डीडवाना-कुचामन जिले में 6 उपखंड और 8 तहसीलें शामिल की गई, जबकि शेष बचे नागौर जिले में अब 7 उपखंड व 9 तहसीलें रहेंगी। नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों में विधानसभा की संख्या 5-5 रहेगी, लेकिन जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो नागौर जिला बड़ा रहेगा
यह जानकारी डीडवाना-कुचामन जिले के बारे में है, जो राजस्थान के अजमेर संभाग में स्थित है। इसे 7 अगस्त 2023 को नागौर जिले को विभाजित करके स्थापित किया गया था। यह जिला अपनी ऐतिहासिक, भौगोलिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का खारा जल, खनिज, ऐतिहासिक स्थल, सांस्कृतिक परंपराएँ, और उद्योग इसे विशेष पहचान देते हैं।
District विधान सभा सीटे
कुल विधानसभा सीटे – 3
1.डीडवाना
2.परबतसर
3.मकराना
4.लाडनूं
5.नावां
जिले के भोगालिक व अन्य जानकारी
नामकरण:
- डीडवाना का नाम ‘डीडूशाह शासक’ के नाम पर रखा गया।
- इसे “शेखावाटी का सिंहद्वार” और “शेखावाटी का तोरण द्वार” भी कहा जाता है।
भौगोलिक स्थिति:
- यह अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में, पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र के अर्द्धशुष्क भाग में स्थित है।
- इसकी सीमाएँ नागौर, सीकर, चुरु, अजमेर और जयपुर-ग्रामीण जिलों से मिलती हैं।
प्राकृतिक संसाधन:
- खारे पानी की झीलें: डीडवाना झील (खाल्दा झील), कुचामन झील, नावां झील।
- डीडवाना झील:
- सोडियम सल्फेट की अधिकता के कारण यह नमक खाने योग्य नहीं है।
- इसका उपयोग कागज और चमड़ा उद्योग में होता है।
- नांवा झील:
- यहाँ नमक परीक्षण प्रयोगशाला और मॉडल साल्ट फार्म स्थित है।
- डीडवाना झील:
- नदियाँ:
- मेंथा नदी:
- प्रवाह क्षेत्र – जयपुर ग्रामीण और डीडवाना-कुचामन।
- इसका संगम सांभर झील में होता है।
- सांभर झील की अधिकतम लवणीयता इसी नदी से आती है।
- मेंथा नदी:
- खारे पानी की झीलें: डीडवाना झील (खाल्दा झील), कुचामन झील, नावां झील।
खनिज और उद्योग:
- सफेद संगमरमर:
- मकराना का मार्बल प्रसिद्ध है, जिसका उपयोग ताजमहल और विक्टोरिया महल में हुआ।
- नमक उत्पादन:
- यहाँ से नमक का निर्यात जापान को भी किया जाता है।
- राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स: 1960 में स्थापित।
- अन्य उद्योग:
- गोंद के पापड़ और गोल्डन पेंटिंग कुचामन की विशेषता।
- लाडनूं में वस्टेड स्पिनिंग मिल्स।
- सफेद संगमरमर:
प्रमुख स्थान और सांस्कृतिक विरासत:
- वीर तेजाजी पशु मेला: परबतसर में आयोजित, राजस्थान का प्रसिद्ध मेला।
- रानाबाई का मंदिर: हरवानां गाँव में स्थित।
- कुचामनी ख्याल:
- प्रवर्तक: लच्छीराम।
- प्रसिद्ध कलाकार: उगमराज, बंशीधर चूही।
- कुचामन दुर्ग:
- गिरी दुर्ग की श्रेणी में।
- निर्माण: ठाकुर जालिम सिंह।
स्वतंत्रता संग्राम और प्रसिद्ध व्यक्ति:
- बालमुकुंद बिस्सा:
- स्वतंत्रता सेनानी।
- 1942 में भूख हड़ताल के दौरान जेल में शहीद।
- आचार्य तुलसी:
- तेरापंथी संप्रदाय के 9वें आचार्य।
- “अणुव्रत आंदोलन” के प्रवर्तक।
- बालमुकुंद बिस्सा:
अन्य विशेष तथ्य:
- डीडवाना-कुचामन में मिट्टी से बने खिलौने और चमड़े की जुतियाँ प्रसिद्ध हैं।
- यहाँ का कुचामनी टकसाल ऐतिहासिक महत्व रखता है, जहाँ पुराने समय में सिक्के ढाले जाते थे।
- मरोठ और कुचामन की गोल्डन पेंटिंग और कपड़े की टुकड़ियाँ यहाँ की खासियत हैं।