Jaisalmer District History Culture & Geography || Jaisalmer Jila Darshn 2024

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के जैसलमेर जिले  |  जैसलमेर District के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के नए जिले  से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-  जिले का क्षेत्रफल, जैसलमेर भौगोलिक स्थिति, जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र, जयपुर District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

 

जैसलमेर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है जिसे ‘स्वर्ण नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर थार रेगिस्तान में स्थित है और पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। जैसलमेर किला, जो सोनार किला के नाम से प्रसिद्ध है, यहाँ का प्रमुख आकर्षण है। यह किला 1156 में रावल जैसल द्वारा बनवाया गया था और आज भी जीवित किलों में से एक है, जहाँ लोग रहते हैं। जैसलमेर की संस्कृति में राजस्थानी परंपराएँ और सिंध से प्रभावित तत्व शामिल हैं। यहाँ के लोक नृत्य, संगीत, और कठपुतली नाटक प्रसिद्ध हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं​

 

District विधान सभा सीटे

विधानसभा क्षेत्र

  • जैसलमेर
  • पोखरण

जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय

उपनाम

  • हवेलियों व झरोखों का नगर
  • पीला शहर (Yellow City)
  • राजस्थान का अंडमान-निकोबार
  • विश्व का 8वां आश्चर्य
  • राजस्थान की पिछड़ी रियासत
  • रेत का गुलाब
  • गलियों का शहर
  • पक्षियों की नगरी
  • स्वर्ण नगरी

विधानसभा क्षेत्र

  • जैसलमेर
  • पोखरण

प्रमुख स्थल और विशेषताएँ

  • रामदेवरा: रामदेव जी का प्रमुख मंदिर, काठावादिया काश्तकारों की महिलाओं द्वारा तेलंगानी नृत्य।
  • तनोट: तनोट माता मंदिर (सैनिकों की देवी), धार की कंवरिया देवी, सिल्लावाली देवी।
  • नाचना: जिप्सम के भंडार, ऊँट-सवारी व बोरिंग के लिए प्रसिद्ध।
  • रामगढ़: एशिया का सबसे बड़ा टी.वी. टॉवर, राजस्थान का प्रथम गैस आधारित विद्युत संयंत्र।
  • आकल: आकल वुड फॉसिल्स पार्क।

जैसलमेर के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला
  • सेवण घास के लिए प्रसिद्ध।
  • गडीसर झील
  • लाठी सीरीज – मोटे पानी की प्राचीन जलस्त्रोत।
  • चन्द्र नथुण्ड – धार का छड़ा।
  • पक्षियों की नगरी
  • भारत का प्रथम शुष्क थार कृषि अनुसंधान केंद्र
  • राजस्थान का प्रथम पवन ऊर्जा संयंत्र – अमरसागर।
  • स्वर्ण ईश्वर की गणगौर की पूजा

अन्य प्रमुख स्थल

  • घोटारू: प्राकृतिक गैस और हेलियम गैस के भंडार।
  • लोड़रवा: हिंगलाज माता मंदिर, विश्वविख्यात जैन मंदिर, मृदुल का महल।
  • समगढ़: वनस्पति रहित डेजर्ट नेशनल पार्क।
  • पोखरण:
    • पोखरण दुर्ग, राजा मालदेव द्वारा निर्मित।
    • परमाणु परीक्षण स्थल (18 मई 1974 और 11 व 13 मई 1998 में)।
    • राज्य का प्रथम विजलेस रिसोर्ट – नेहरा।
    • पोखरण फीडर नेहर – नया नाम (जयनारायण व्यास लिफ्ट नेहर)।

District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024

प्राचीन नाम:

  • जैसलमेर को प्राचीन काल में मांडधरा, वल्लभमण्डल, और मांड प्रदेश जैसे नामों से जाना जाता था।

ऐतिहासिक घटनाएँ:

  • 30 मार्च 1949 को जैसलमेर का विलय वृहत् राजस्थान में कर दिया गया।
  • जैसलमेर दुर्ग की नींव राव जैसल ने 12 जुलाई 1155 में रखी थी। इस दुर्ग का पूर्ण निर्माण शालीवाहन के समय में हुआ था।

प्रमुख शासक और घटनाएँ:

  • भाटी वंश की स्थापना भाटी/भट्टी ने की थी। यह वंश चंद्रवंशीय यादवों से संबंधित था, जो श्री कृष्ण से अपना संबंध जोड़ते हैं।
  • मुलराज प्रथम (1296-1316 ई.) के शासनकाल में दिल्ली सुलतान अल्लाउद्दीन खिलजी का आक्रमण हुआ, और जैसलमेर दुर्ग में प्रथम साका हुआ।
  • राव दुदा के समय में दिल्ली सुलतान फिरोजशाह तुगलक का आक्रमण हुआ और जैसलमेर में द्वितीय साका हुआ। इस दौरान केसरिया दुदा के नेतृत्व में रानियों ने जौहर किया।
  • गिरधारी सिंह ने जोधपुर महाराजा हनुवंतसिंह के साथ मिलकर पाकिस्तान में मिलाने की कोशिश की।
  • हरराय भाटी ने 1570 में अकबर की अधीनता स्वीकार की और अपनी बेटी का विवाह किया।
  • लुणकरण के समय में कंधार के शासक अमीर अली ने विश्वासघात कर 1550 में आक्रमण किया। इस दौरान केसरिया तो हुआ, लेकिन जौहर नहीं हुआ, इसे अर्द्धसाका कहा जाता है।
  • जवाहर सिंह को आधुनिक जैसलमेर का निर्माता माना जाता है। उनके शासनकाल में सागरमल गोपा को जेल में जिन्दा जला दिया गया।
  • मुलराज द्वितीय ने 12 दिसंबर 1818 को अंग्रेजों के साथ संधि की। उनके शासनकाल को जैसलमेर चित्रशैली का स्वर्णकाल माना जाता है।

जैसलमेर प्रजामण्डल:

  • जैसलमेर प्रजामण्डल की स्थापना 1945 में हुई थी, और इसके संस्थापक थे मीठालाल व्यास। इसकी स्थापना जोधपुर में हुई थी।

कला-संस्कृति:

  • जैसलमेर चित्रशैली: इस चित्रशैली का स्वर्णकाल मुलराज द्वितीय के शासनकाल में था। इस शैली पर किसी बाहरी चित्रशैली का प्रभाव नहीं पड़ा। प्रमुख चित्रों में मूमल का चित्र प्रसिद्ध है।

प्रमुख देवियाँ:

  1. आशापूरा माता: इनका मंदिर पोकरण (जैसलमेर) में स्थित है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें लुणभान जी बिस्सा, जो कच्छ (भुज) से पोकरण आए थे, लेकर आए थे। आशापूरा माता का अन्य मंदिर नाडोल (पाली) में भी स्थित है।
  2. तनोट माता: इन्हें थार की वैष्णो देवी कहा जाता है और यह BSF के जवानों की रक्षक देवी मानी जाती हैं। इन्हें रूमालू वाली देवी भी कहा जाता है।

अन्य प्रमुख तथ्य:

  • जैसलमेर में विभिन्न ऐतिहासिक स्थल, मंदिर और किलों के अलावा विशिष्ट कला और संस्कृति भी है, जो इसे राजस्थान का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक केंद्र बनाती है।

जैसलमेर के दर्शनीय स्थल:

1. पोकरण दुर्ग:

  • निर्माण: पोकरण दुर्ग का निर्माण मालदेव राठौड़ ने 1550 ई. में लाल पत्थरों से करवाया था।
  • विशेषता: इस दुर्ग में प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथों का दुर्लभ भण्डार है, जिसे जिनभद्रसुरी ग्रन्थ भण्डार के नाम से जाना जाता है।

2. जैसलमेर दुर्ग:

  • निर्माण: इस दुर्ग की नींव राव जैसल ने 12 जुलाई 1155 को रखी थी, और यह शालीवाहन के शासनकाल में पूर्ण हुआ था।
  • विशेषता:
    • यह दुर्ग धान्वन श्रेणी में आता है और राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है।
    • इस दुर्ग की चारों ओर 99 बुर्ज हैं और यह दूर से अंगड़ाई लेते हुए शेर की तरह दिखाई देता है।
    • इसमें चुनें का प्रयोग नहीं किया गया।
    • सत्यजीत रे द्वारा इस पर ‘सोनार किला’ नामक फिल्म बनाई गई।
    • इसे 2013 में युनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया।

3. जैसलमेर की प्रमुख हवेलियाँ:

  • पटवों की हवेली: इस हवेली का निर्माण जैसलमेर के व्यवसायी गुमानचन्द और उनके पाँच पुत्रों ने किया था। यह हवेली अपनी नक्काशी युक्त झरोखों के लिए प्रसिद्ध है।
  • सालिमसिंह की हवेली: इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में सालिमसिंह मेहता ने किया था।
  • नथमल जी की हवेली: यह हवेली हाथी और लालु नामक दो भाइयों द्वारा बनाई गई थी और इसमें हिन्दू, मुगल, और सिंधी शैली का मिश्रण है।

4. प्रमुख महल:

  • राज विलास महल
  • जवाहर विलास महल
  • बादल महल
  • सर्वोत्तम विलास महल (जैसलमेर दुर्ग में स्थित)

5. प्रमुख मंदिर:

  • भूतेश्वर महादेव मंदिर (वैसाखी)
  • पार्श्वनाथ जैन मंदिर (लोद्रवा)
  • लक्ष्मीनाथ मंदिर (जैसलमेर दुर्ग)

6. प्रमुख स्थल:

  • सम: इसे राजस्थान का ‘थण्डर बोल्ट’ कहा जाता है और यह क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ी पंचायत है। यहाँ पर ‘डेजर्ट नेशनल पार्क’ स्थित है।
  • ओला: यहाँ से 60 हजार से 1 लाख वर्ष पुरानी पाषाणकालीन सामग्री प्राप्त हुई है।
  • कुलधरा गाँव: इसे भूतिया गाँव भी कहा जाता है। यहाँ व्हेल मछली के अवशेष मिले हैं और कैक्टस गार्डन का निर्माण किया जा रहा है।
  • रामगढ़: यहाँ एशिया का सबसे ऊँचा टीवी टॉवर (300 मीटर) और राजस्थान का पहला गैस आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित है।
  • पोकरण: 18 मई 1974 और 11, 13 मई 1998 को यहाँ परमाणु परीक्षण किए गए थे। यहाँ विश्व का सबसे बड़ा भूमिगत पुस्तकालय स्थित है।
  • घोटारू: यहाँ से हीलियम गैस के भण्डार मिले हैं और राजस्थान में सबसे पहले यहीं से प्राकृतिक गैस के भण्डार प्राप्त हुए हैं।
  • चांदन गाँव: इसे ‘थार का घड़ा’ कहा जाता है, यहाँ मीठे पानी के नलकूप स्थित हैं।
  • लोद्रवा: यह जैसलमेर के भाटी शासकों की दूसरी राजधानी थी। यहाँ हिंगलाज माता मंदिर और चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर दर्शनीय हैं। यहाँ पर राजकुमारी मूमल का महल स्थित है, जिसे मुमल की मेढ़ी के नाम से जाना जाता है।

प्रमुख व्यक्तित्व

1. सागर मल गोपा:

  • जन्म: 3 नवंबर 1900 ई. को जैसलमेर में हुआ।
  • संस्थाएं:
    • 1915 में ‘सर्व हितकारी वाचनालय’ की स्थापना की।
    • 1932 में ‘माहेश्वरी नवयुवक मण्डल’ की स्थापना रघुनाथ सिंह मेहता के साथ की।
  • गिरफ्तारी और मृत्यु:
    • 22 जून 1941 को सागर मल गोपा को गिरफ्तार किया गया।
    • 3 अप्रैल 1946 को उन्हें मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया, और 4 अप्रैल 1946 को इनका निधन हो गया।
  • प्रमुख ग्रन्थ:
    • ‘जैसलमेर का गुण्डाराज’
    • ‘आजादी के दीवाने’
    • ‘रघुनाथ सिंह का मुकदमा’

2. करणाराम भील:

  • व्यक्तित्व: जैसलमेर का प्रसिद्ध नडवादक, जो कुख्यात डाकू भी था।
  • विशेषता:
    • उसकी 6 फुट 8 इंच लंबी मूँछों के लिए भी जाना जाता था।
    • राजस्थान सरकार ने उसे 30 बीघा जमीन दी।

भौगोलिक परिदृश्य

1. जैसलमेर का नाम:

  • पुकारा गया: ‘हवेलियों का शहर’ और ‘पीले पत्थरों का शहर’
  • जिला: राजस्थान का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है।

2. जलवायु:

  • उष्ण और शुष्क: यहां की जलवायु गर्म और शुष्क होती है।

3. मिट्टी:

  • रेतीली मिट्टी: जिसमें लवणीय तत्वों का अंश पाया जाता है।

4. वनस्पति:

  • मरुद्भिद वनस्पति: जैसलमेर जिले में खासकर सेवण/लीलोण घास के लिए प्रसिद्ध मरुद्भिद वनस्पति मिलती है।

 

5.वन्यजीव

  1. उज्जला:

    • यह क्षेत्र एक आखेट निषिद्ध (शिकार पर प्रतिबंधित) क्षेत्र है।
  2. आँकल वुड फॉसिल्स पार्क:

    • यह पार्क आकल गांव में स्थित है और यहां 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़-पौधों के जीवाश्म पाए गए हैं।
  3. राष्ट्रीय मरू उद्यान:

    • इसे 4 अगस्त 1980 को राज्य सरकार ने एक अभ्यारण्य घोषित किया।
    • यह जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के 3162 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे गोडावण का घर कहा जाता है।

6.खनिज

  1. खनिज:

    • जैसलमेर पीले पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है।
  2. ऊर्जा:

    • तनोट और मनिहारी टिब्बी से प्राकृतिक गैस प्राप्त होती है।
  3. पवन ऊर्जा:

    • जैसलमेर में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त है।
  4. लाठी सीरीज:

    • यह मोहनगढ़ से पोकरण तक भूगर्भिक मीठे जल की पट्टी है, जिसे लाठी सीरीज कहा जाता है। इसकी खोज 2007 में काजरी के वैज्ञानिकों ने की थी, और इसे थार का नखलिस्तान कहा जाता है।
  5. गढीसर जलाशय:

    • इसका निर्माण 1340 ई. में रावल गडसीसिंह द्वारा किया गया था। इस जलाशय के किनारे जमालशाह पीर की दरगाह है।

7.उद्योग

  • प्रमुख उद्योगों में पर्यटन उद्योग, पत्थर की नक्काशी, और खादी ग्रामोद्योग शामिल हैं।

8.प्रमुख तालाब

  1. गजरूप सागर तालाब:

    • इसका निर्माण महाराजा गजसिंह और उनकी पत्नी रूप कँवर के नामों से मिलाकर किया गया।
  2. मूलसागर:

    • इसका निर्माण मूलराज द्वारा किया गया था।
  3. अमरसागर:

    • इसका निर्माण अमरसिंह ने करवाया। इस तालाब के किनारे हिम्मतराय नामक व्यक्ति ने जैन मंदिर बनाया था।

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