Salumbar District History Culture & Geography || Salumbar Jila Darshn 2024

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित सलुम्बर जिले बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के जिले सलुम्बर से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-  जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, सलुम्बर जिले का मानचित्र,  जिले की सीमा, District Map,  District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

सलूम्बर (Salumbar) भारत के राजस्थान राज्य में में स्थित एक नगर है। यह इसे नाम का जिला का मुख्यालय भी है सलूम्बर भारत के राजस्थान राज्य का जिला है व तहसील सलूंबर भी है जिसमे में 268 राजस्व गांव शामिल हैं जो 46 ग्राम पंचायतों और एक शहर में संगठित हैंइसमें पांच तहसीलें शामिल हैं जो पहले उदयपुर जिले का हिस्सा थीं – सराड़ा, लसाडिया, सलूंबर, सेमारी, झल्लारा। इसे 7 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गेलहोट द्वारा पूर्ववर्ती उदयपुर जिले से अलग करके बनाया गया था।

District विधान सभा सीटे

1.सलुम्बर

जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय

  • घोषणा-17 मार्च, 2023
  • मंत्रिमण्डल मंजूरी-04 अगस्त, 2023
  • अधिसूचना जारी-06 अगस्त, 2023
  • अधिसूचना लागू-07 अगस्त, 2023
  • स्थापना दिवस-07 अगस्त, 2023
  • उद्घाटनकर्ता-प्रताप सिंह खाचरियावास (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री)
  • किस जिले को तोड़कर बनाया-उदयपुर
  • प्रथम कलेक्टर-प्रताप सिंह
  • प्रथम पुलिस अधीक्षक-अरशद अली
  • संभाग-उदयपुर संभाग के अन्तर्गत
  • सीमा-04 जिलों (उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं चित्तौड़गढ़) से
  • उपनाम-1. चूड़ावतो की ठिकाना 2. सोनारा भील की नगरी

District History Culture & Geography || ..... Jila Darshn 2024

  • सराडा किले को मेवाड़ का काला पानी कहते है।
  • महाराणा प्रताप की छतरी – (सराडा) सलुम्बर 
  • हाड़ी रानी का महल जयसमंद झील- राजस्थान की सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील
  • रूठी राणी का महल – सलुम्बर 
  • हाड़ी रानी सहल कँवर के रतनसिंह चुन्डावत की पत्नी थी 

लसाड़िया का पठार-

  • सलूम्बर जिले में स्थित है। जयर्समद झील के उत्तर-पूर्व में विच्छेदित पठार ।
  • लसाड़िया आन्दोलन-संत मावजी द्वारा चलाया गया।

मंत मावजी का जन्म

  • साबला (इंगरपुर निर्फिलकी सम्प्रदाय चलाया।
  • चौपड़ा ग्रंथ (दीपावली पर पूजा)।
  • कृष्ण के अवतार के रूप में पुजा।
  • संत मावजी बेणेश्वर धाम (नवाटापुरा, डूंगरपुर) के संस्थापक थे।

बेणेश्वर धाम मेला

  • माघ पूर्णिमा का मेला खण्डित शिवलिंग की पूजा होती है।
  • त्रिवेणी संगम-सोम, माही, जाखम मेले को आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है।
  • वागड़ का पुष्कर कहते है।

जयसमंद झील

  • सलूम्बर जिले में। उपनाम ढेबर झील।
  • निर्माण-महाराणा जयसिंह (1687-91)।
  • गोमती नदी का पानी रोककर।
  • गोमती, समरी, केलवा नदियों का पानी आता है। (जयसमंद झील में 9 नदी एवं 99 नालों का पानी आता है)।
  • यह राजस्थान की सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील है।
  • इसमें 7 टापू स्थित है।
  • बड़े टापू का नाम-बाबा का भाखड़ा (होटल आइलैण्ड) एवं छोटे टापू का नाम-पायरी।
  • जयसमंद झील से 1950 में सिंचाई हेतु 2 नहरे निकाली गई। श्यामपुरा, भाट नहर

जयसमंद अभयारण्य

  • सलूम्बर जिले में।
  • इसे जलचरो की बस्ती कहते है।
  • यह बेघरों के लिये प्रसिद्ध है।
  • इसी के अंदर ‘रूठी रानी का महल’ है। (यह महल जयसिंह की रानी पोमल दे पंवार का है जो रूठकर इस महल में आ गई)

नोट-इसी महल को सलूम्बर का हवामहल कहते हैं।

जावरमाइन्स सलूम्बर जिला

  • यह सीसा-जस्ता के लिये प्रसिद्ध है।
  • यहाँ राणा-लाखा के समय चाँदी की खान खोजी गई।

नाघरा की पाल (सलूम्बर जिला)

  • लौह अयस्क का भण्डारण क्षेत्र
  • बाबरमाला जंगल (सराड़ा-सलूम्बर जिला) गुलाबी मार्बल हेतु प्रसिद्ध

सलूम्बर-

  • यह मेवाड़ रियासत का प्रथम श्रेणी का ठिकाना था।
  • भीमसिंह चूड़ावत ने जयपुर के नक्शे के आधार पर बसाया।
  • चूड़ावत शाही पगड़ी – सलम्बूर की प्रसिद्ध है।
  • सलूम्बर दुर्ग चूड़ावतों द्वारा निर्मित है।

हाड़ी रानी का स्मारक-

  • सलूम्बर जिले में।
  • मूल नाम-सहल कँवर (बूँदी के जागीरदार संग्राम सिंह की पुत्री)
  • सहल कँवर ने अपने पति के युद्ध में जाने से पूर्व कोई चिह्न माँगने पर अपना शीश काटकर इसलिए दे दिया था ताकि वह पत्नी (हाड़ी-रानी) के आकर्षण में कर्तव्य नहीं भूले।

नोट-सेनाणी के रचियता-मेघराज मुकुल हाड़ी रानी की बावड़ी-टोडारायसिंह (केकड़ी) में स्थित है।

ईडाणा माता का मन्दिर

  • ईडाणा गाँव (सलूम्बर जिला) चमत्कारिक शक्ति पीठ।
  • इसे अग्नि वाली देवी के रूप में जाना जाता है।

सराड़ा जेल

  • सलूम्बर जिले में स्थित है।
  • ब्रिटिश कालीन जेल। ‘भूरेलाल बयाँ’ को इसी जेल में कैद किया था, मेवाड़ प्रजामण्डल के समय।
  • सराड़ा जेल को राजस्थान की काले पानी की सजा वाली जेल से जाना जाता है।

गोसण बाबाजी का मंदिर-*

कातनवाड़ा गाँव, सराड़ा तहसील (सलूम्बर जिला) मन्नत पूर्ण होने पर- पत्थर का बैल अर्पित करते हैं।

लाखड़ श्यामजी मंदिर-

  • उथरदा गाँव (सलूम्बर जिला) मेवाड़ महाराणा लाखा द्वारा निर्मित 15वीं सदी का अति प्राचीन एवं चमत्कारी मंदिर है।

चावण्ड-

  • महाराणा प्रताप की राजधानी। (1585 ई.)
  • मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी ।
  • चावण्ड सराड़ा तहसील में स्थित है।

बांडोली-

  • सराड़ा तहसील, सलूम्बर जिला में
  • महाराणा प्रताप की छतरी स्थित है।
  • यह आठ खम्भों की छतरी है।

ऊंटाला का युद्ध (1600 ई.)-

  • महाराणा अमरसिंह की सेना में दो रेजिमेंट- 1. शक्तावत 2. चुड़ावत थी।
  • इसमें चुण्डावतों व शक्तावतों में हरावल में रह की होड़ थी और आखिरकार हरावल की पंक्तिम रहने का अधिकार चुण्डावतों को प्राप्त था।
  • चुण्डावतों का संबंध सलूम्बर से है।
  • चुण्डावतो का संस्थापक-कुँवर चुण्डा (महाराणा लाखा का ज्येष्ठ पुत्र)

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